ठाकुर रोबिन सिंह कठेरिया 
    एक कहानी मैं आज आप लोगों को सुनाता हूँ,
मगध के एक गांव सुल्तानपुर में एक कंजूस सेठ रहता था | वह सेठ कुछ ज्यादा ही कंजूस था | एक दिन सेठ बाज़ार गया और दो किलो सेब लाया सेठ बाज़ार से लौटकर घर आया तो वह काफी थका हुआ था | तो वह आते ही सो गया , अगले दिन जब वह उठा तो उसने सोंचा सेब खा लिया जाय तो उसने थैले में से एक सेब निकला और देखा की इसके नीचे वाला सेब तो ख़राब हो गया है तो उसने सोंचा की क्यों न आज ये ख़राब वाला सेब खा लिया जाय , उसने वह ख़राब सेब खा लिया इसी तरह उसने सारे सेब ख़राब  ही खाये इस कहानी से हमे सिक्छा मिलती है कि हद से ज्यादा कंजूसी भी ठीक नहीं | इसलिए हमें सभी काम टाइम पर ही कर लेने चाहिए | 

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